वर्जिन सिस्टर फक कहानी में मैं अपनी छोटी बहन की जवानी का मजा लूटना चाहता था. मैं धीरे धीरे उसके बदन पर हाथ फिरा के उसे गर्म करने लगा.
दोस्तो, मेरा नाम सोनू है.
आज मैं आपको एक सच्ची सेक्स कहानी सुना रहा हूं, जो मेरे साथ हुई थी.
आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपने परिवार के बारे में बता देता हूं.
मैं अपने मम्मी के साथ रहता हूँ.
घर में मेरी मां के अलावा मेरे दो भाई और दो बहनें हैं.
मैं सबसे छोटा भाई हूं. मुझसे छोटी एक बहन है.
यह वर्जिन सिस्टर फक कहानी मेरी और मेरी छोटी बहन नीतू की है.
पहले मेरी बहन नीतू के बारे में जान लीजिए.
उसकी उम्र 19 साल है और वह अभी पढ़ाई कर रही है.
उसका फिगर 30-28-34 का है.
उसका ये फिगर मुझे बाद में पता चला, जो मैं आपको आगे बताऊंगा.
उसकी मोटी सी गांड देख कर किसी भी लड़के का मन उसे चोदने का करने लगेगा.
मैं ज्यादातर घर से बाहर रहता हूं और घर पर कम ही जाता हूं.
पर मैं जब भी घर जाता हूं, अपनी बहन के साथ मस्ती करता रहता हूं.
मैं उसके दूध दबाने के मौके ढूंढता रहता हूं.
अब तक मैं अपनी छोटी बहन नीतू के चूचे दबा भी चुका हूं.
पर वह ये सब मस्ती समझकर इतना ध्यान नहीं देती थी.
अब मैंने ठान लिया था कि मैं उसे चोदकर ही रहूंगा.
इसलिए मैंने एक तरकीब अपनाई.
हमारा घर दो मंजिल का है. पहले माले पर 2 कमरे हैं. नीचे ग्राउन्ड फ्लोर पर मेरी मम्मी का कमरा है. उनके साथ मेरी एक बहन सोती है.
ऊपर वाले फ्लोर पर एक रूम में मेरे दोनों भाई और एक रूम में मैं और नीतू सोते हैं.
इस बार जब मैं घर पर गया था तो मैंने सोच लिया था कि इस बार तो कुछ करना ही है.
हम सब खाना खाकर अपने अपने कमरों में चले गए थे और सोने की तैयारी कर रहे थे.
मैं भी हमेशा की तरह नीतू के साथ में सो रहा था.
एक घंटा बाद मेरी नींद खुल गई और अब मुझे नींद नहीं आ रही थी.
वह मेरे बगल में चैन से सो रही थी.
मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके दूध पर रख दिया.
मैं देखने लगा कि वह मेरे हाथ का कुछ विरोध करती है या नहीं.
पर वह गहरी नींद में थी और उसने कुछ भी रिएक्ट नहीं किया.
इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई.
अब मैं उसके और पास को होकर लेट गया.
मैं धीरे धीरे उसके चूचे को दबाने लगा.
शायद एक दो दफा मेरा हाथ कुछ ज्यादा जोर से दब गया था.
तभी अचानक से नीतू उठकर बैठ गई और पूछने लगी- भैया, ये क्या कर रहे हो?
शायद नीतू थोड़ी भोली थी तो उसे इन सब बातों का पता नहीं था … या वह बन रही थी.
इसलिए मैंने इसका फायदा उठाया और उससे कहा- मैं तुम्हें प्यार कर रहा हूं.
नीतू ने हंस कर कहा- ऐसे कैसे प्यार होता है?
उसकी हंसी देख कर मैंने नीतू को अपने पास खींचते हुए उसके गालों पर पप्पी की और उसके बालों में हाथ घुमाने लगा.
फिर मैंने प्यार से नीतू से ‘आई लव यू’ कहा.
वह मेरी आंखों में देखने लगी.
मैंने नीतू के माथे पर एक पप्पी की.
अब नीतू ने भी मुझे ‘आई लव यू टू’ कहा.
यह सुनकर मैंने नीतू को अपनी बांहों में समेट लिया और धीरे धीरे नीतू के बालों से होते हुए उसकी पीठ को सहलाने लगा.
नीतू ने उस वक्त पजामा टी–शर्ट पहना हुआ था.
कुछ देर सहलाने के बाद मैंने धीरे से अपना एक हाथ नीतू की टी-शर्ट के अन्दर डाल दिया और उसकी मुलायम पीठ को महसूस करने लगा.
मैं नीतू को बार बार उसके माथे पर किस करता रहा और बार बार कहता रहा- मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं और तुम्हारे बिना नहीं रह सकता.
नीतू भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और मेरे साथ बोल रही थी- मैं भी आपके साथ ही रहना चाहती हूं सोनू भैया!
मैंने उसकी टी-शर्ट के गले से झांक कर देखा तो पाया कि नीतू ने काले रंग की ब्रा पहनी थी.
मैं अपना एक हाथ अन्दर किए हुए था तो उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचे दबाने लगा.
शायद नीतू इतनी भी नासमझ नहीं थी.
वह मेरे साथ मजा लेने लगी और उसने अपनी पीठ मेरी तरफ कर दी.
मैं उसका इशारा समझ गया और मैंने उसकी टी-शर्ट और 30 साइज की ब्रा निकाल कर साइड में फेंक दी.
अब मैं नीतू मेरे सामने ऊपर से पूरी नंगी थी और उसके गोल गोल मुलायम चूचे मेरे सामने थे.
मैं उसके रसीले चीकुओं पर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा.
मैंने एक हाथ से एक चूचे को दबाना शुरू किया और दूसरे को मुँह में भरकर चूसने लगा.
नीतू की कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.
मैं और जोर से उसके दूध दबाने और चूसने लगा.
कभी मैं दाएं वाले को चूसता तो कभी बाएं वाले को.
मैंने नीतू के दोनों चीकू चूस चूसकर और दबा दबाकर एकदम लाल कर दिए.
उसके चूचों के पास मेरे दांतों के निशान बन गए थे.
नीतू अभी भी आंखें बंद किए बस सिसकारियां ले रही थी.
मैं उसके चूचे दबाते हुए उसके चेहरे के पास आ गया और नीतू को लिप किस करने लगा.
नीतू भी मेरा साथ दे रही थी.
हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को नोंच से रहे थे.
इसी सबके बीच में मैंने अपनी भी टी-शर्ट निकाल फेंकी.
अब मैं और नीतू दोनों ऊपर से नंगे थे और एक दूसरे को बेतहाशा चूम रहे थे.
लगभग दस मिनट तक हम एक दूसरे को पागलों की तरह चूमते रहे.
अब मैं उसे चूमते हुए धीरे धीरे नीचे आने लगा.
नीतू के चूचों को चूमते मसलते, नीतू के पेट को चूमते हुए उसकी कमर पर आ गया.
मैंने नीतू के पजामा के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाया और उसके पजामे को खींच कर निकाल दिया.
अब नीतू मेरे सामने सिर्फ एक काले रंग की पैंटी में थी.
उसमें उसकी मोटी गांड कयामत ढा रही थी और नीतू की चूत भी मुझे अपनी ओर बुला रही थी.
मैंने उसकी 34 की साइज की पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया.
तो नीतू बिन पानी मछली की तरह तड़पने लगी और 5 मिनट में ही उसकी बुर से पानी निकल गया.
शायद ऐसा नीतू के साथ पहली बार हुआ था.
मैं नीतू के बदन को ऊपर से लेकर नीचे तक चूमने लगा और वह बस लेटी हुई तड़प रही थी.
वह इस सबका मजा ले रही थी.
फिर कुछ पल बाद मैंने नीतू की पैंटी को भी खींच कर निकाल दिया और नीतू को उसकी पैंटी दिखाकर सूंघने लगा, उस पर लगे नीतू की चुत के रस को चाटने लगा.
नीतू भी हल्के से हंस दी.
अब मैंने नीतू की चिकनी चूत को देखा.
एकदम साफ़, बिना किसी झांट के बाल के उसकी गुलाबी चूत मुझे जन्नत के दरवाजे की तरह दिख रही थी.
मैंने भी बिना देर किए नीतू की चूत पर एक किस कर दिया.
नीतू इससे चिहुंक उठी और वह कसमसाने लगी.
मैंने मौके का फायदा उठाकर नीतू की चूत को चाटना शुरू कर दिया और साथ में उसमें उंगली भी डालने लगा.
नीतू जोर जोर से काम वासना भरी सिसकारियां लेने लगी और मेरे चेहरे को अपनी चूत में दबाने लगी.
अब वह बार बार बोल रही थी- आह और चाटो … आह ऊंह.
करीब दस मिनट के बाद नीतू का शरीर अकड़ने लगा तो मैं समझ गया कि यह झड़ने वाली है.
अब मैंने और तेज तेज चाटना शुरू कर दिया.
इस बीच नीतू ‘आह आह ऊंह’ करती हुई मेरे चेहरे पर झड़ गई और मैं नीतू का सारा काम रस पी गया.
नीतू शांत हो गई और एकदम शांत हो चुकी थी.
मैं नीतू के काम रस को अपनी जीभ से साफ करता हुआ चाट रहा था.
कुछ देर बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना पजामा अंडरवियर दोनों को एक साथ निकाल दिया.
मैंने अपना 6 इंच का फनफनाता हुआ लौड़ा नीतू के चेहरे के सामने कर दिया.
नीतू भी इसी का इंतजार कर रही थी, उसने लपकर मेरा लंड अपने हाथ में भर लिया और उसे अपने मुँह के अन्दर तक लेकर चूसने लगी.
वह किसी पॉर्न एक्ट्रेस से कम नहीं लग रही थी.
मेरी बहन कभी मेरे टट्टों को चूसती, तो कभी मेरे लौड़े को हिलाकर अपने मुँह में ले लेती और फिर से लंड चूसने लगती.
मैं तो जैसे सातवें आसमान में था और आंख बन्द करके बस इस सबका मजा ले रहा था.
मैंने नीतू के बाल पकड़कर अपना लौड़ा उसके गले तक उतार दिया और उसके मुख को चोदने लगा.
एक बार तो नीतू की सांस रुकने को हुई, पर मैं अपनी धुन में मस्त बस उसके मुँह को चोदने में लगा था.
करीब 5 मिनट की चुसाई के बाद मैं झड़ने को हुआ और मैंने अपना सारा माल़ अपनी बहन नीतू के मुँह में निकाल दिया.
मेरी बहन नीतू भी अपने भाई के लंड का रस खुशी खुशी पूरा पी गई.
नीतू का मुँह मेरे वीर्य से भर गया था, उसने मुझे अपना मुँह दिखाते हुए सारा माल खा लिया.
अब नीतू के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान दिख रही थी और उसकी आंखों में हवस नजर आ रही थी.
ऐसा लग रहा था मानो वह कह रही हो- आओ भाई अब बस मुझे चोद दो.
अब हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए.
मैं उसकी चूत चाट रहा था और नीतू मेरा लंड चूस रही थी.
नीतू ने चूस चूस कर मेरा लौड़ा खड़ा कर दिया.
अब वह लंड को खुद से अपने गले तक लेने लगी थी.
मैं भी नीतू की चूत को जोर जोर से चाट रहा था और उसमे साथ साथ उंगली भी कर रहा था.
नीतू एक बार झड़ चुकी थी, पर मैं फिर भी उसे चाटने में लगा हुआ था.
मैं झड़ने को हुआ और नीतू भी एक बार फिर से झड़ने वाली थी.
हम दोनों ने चूसने की स्पीड बढ़ा दी और दोनों एक दूसरे के मुँह में झड़ गए और एक दूसरे का काम रस पी गए.
अब हम दोनों थोड़े थक गए थे और एक दूसरे के पास नंगे लेटे रहे.
लगभग 15 मिनट के बाद मैंने नीतू को फिर से किस करना शुरू कर दिया.
नीतू भी फिर से कामुक होने लगी.
मैंने उसे मेरा लंड खड़ा करने के लिए कहा और वह बिना कुछ कहे उसे चूसकर खड़ा करने लगी.
लौड़ा फिर से तन कर सलामी देने लगा.
मैंने नीतू को बेड पर धक्का देकर चित लेटा दिया और अपना लौड़ा उसकी चूत पर सैट कर दिया.
वह सुपारे से चुत की खुजली मिटाने लगी.
उसी समय मैंने एक धक्का दे मारा.
पर मेरा लौड़ा पहली बार में फिसल गया.
अब मैंने अपने लौड़े पर थोड़ा थूक लगाया, उसकी चूत में तीन उंगलियां डालकर अन्दर बाहर की और चूत को थोड़ी ढीली कर दिया.
मैंने पुनः अपने लौड़े को नीतू की चूत पर सैट किया और एक धक्का दे मारा.
इस बार मेरा आधा लंड नीतू की चूत के अन्दर घुस गया था.
नीतू की सील टूट चुकी थी; उसकी चूत से हल्का हल्का खून आने लगा था.
मेरी मासूम बहन की आंखों से आंसू बह रहे थे और वह मुझे अपने से दूर करने के लिए जोर लगा रही थी.
वह दर्द से रो रही थी और कह रही थी- भैया, मुझे नहीं करना, मुझे छोड़ दो … बहुत दर्द हो रहा है.
मैं थोड़ा सा रुका और उसे किस करने लगा.
जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने एक जोरदार धक्का दे मारा और इस बार मेरा 6 इंच का लंड उसकी चूत में समा चुका था.
मैं थोड़ी देर रुका और फिर से नीतू को किस करने लगा.
अब मैं नीतू के दर्द को कम होने का इंतजार करने लगा.
थोड़ी देर में नीतू अपनी गांड को मेरे लंड की तरफ धकेलने लगी तो मैं समझ गया कि इसका दर्द कम हो गया है.
मैं भी अब नीतू की चूत में लंड को आगे पीछे चलाने लगा.
नीतू वासना भरी सिसकारियां ले रही थी- आह ऊंह ऊंह और जोर से चोदो सोनू आह!
उसकी इन आवाजों से मुझमें भी जोश बढ़ गया और मैंने नीतू के दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख कर जोर जोर से उसे चोदने लगा.
नीतू की मदभरी सिसकारियां अब तेज हो गई थीं और वह चिल्लाने लगी थी- आह ओह … मर गई भाई … आह आह ऊंह!
मैं किसी जानवर की तरह नीतू को चोदे जा रहा था.
कुछ देर बाद मैं नीतू के ऊपर झुक गया और उसे किसी कुत्ते की तरह जोर जोर से चोदने लगा.
मेरा लंड उसके पेट तक जा रहा था.
नीतू पूरी तरह से हिल रही थी और साथ में ‘ चोद भाई … आह आह ऊंह ऊंह’ कर रही थी.
नीतू की सिसकारियां तेज़ होने लगीं.
उसका शरीर अकड़ने लगा तो मैं समझ गया कि नीतू झड़ने वाली है.
नीतू की चूत मेरे लंड पर कसने भी लगी थी.
मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और नीतू झड़ गई.
मेरा लंड नीतू के चूत के पानी से सन गया.
पर मैं अभी भी उसे चोदने में लगा था.
नीतू की चूत गीली होने से अब फच्छ फच की आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी थी.
कुछ देर बाद मेरा भी पानी निकलने को हुआ.
मैंने नीतू को ऊपर उठा लिया और उसे खड़े खड़े चोदने लगा.
मैंने थोड़ी देर में उसके अन्दर ही अपना सारा रस निकाल दिया और उसे अपने साथ लेकर बेड पर लेट गया.
वर्जिन सिस्टर फक में हम दोनों बुरी तरह थक चुके थे.
नीतू की चूत से मेरा और नीतू का दोनों का काम रस बाहर निकल रहा था.
मेरी बहन की चूत फूल कर पकौड़ा हो चुकी थी और वह दर्द से कराह रही थी.
पर साथ ही साथ नीतू के चेहरे पर चुदाई की संतुष्टि भी थी.
हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे.
फिर मैंने उसे एक दर्द की गोली लाकर दी.
नीतू से चला भी नहीं जा रहा था.
मैं उसे उठाकर बाथरूम में ले गया.
उधर उसकी चूत साफ की और वहां भी नीतू को एक बार चोदा.
फिर रूम में आकर उसे कपड़े पहना कर और खुद कपड़े पहनकर हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे और एक दूसरे से लिपटकर सो गए.
यह भाई बहन की वर्जिन सिस्टर फक कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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