पड़ोसन आंटी को गांड चुदवाती देखा

Xxx आस्स फक कहानी में पढ़ें कि मेरी पड़ोसन आंटी बहुत सेक्सी थी. वे मुझसे बहुत खुली हुई थी, सेक्स की बातें कर लेती थी. एक रात मैं उनके घर में रुकी और आंटी को अंकल से गांड मरवाती देखा.

मैं बीस साल की कालेज में पढ़ने वाली सेक्सी लड़की हूँ.
मेरे बूब्स तो औसत साइज़ के हैं पर गांड बहुत बड़ी है.

आज मैं आप सबके साथ एक सच्ची Xxx आस्स फक कहानी साझा कर रही हूँ.
यह पिछले सप्ताह की बात है.

शाम के सात बजे थे.
मैं अपने फ्लैट में आराम कर रही थी.

तभी ऊपर रहने वाली आंटी ने आकर मेरे घर की घंटी बजाई.
मैंने जाकर दरवाजा खोला, तो देखा कि आंटी नाइटी में खड़ी हैं.

आंटी बहुत ही ज्यादा सेक्सी थीं.
उनका एक चार साल का बच्चा था.

पर उनको देखते ही किसी का भी लंड खड़ा हो जाए, ऐसा माल लगती थीं.
उनका फिगर लगभग 38-32-40 का था.
बड़े बड़े चूचे और बड़ी सी गांड के बीच में उनकी पतली कमर अच्छे अच्छों के लौड़े से पानी निकलवाने में एकदम परफेक्ट थी.
आंटी बिल्कुल मक्खन सी गोरी और चिकनी थीं.

आंटी से मेरी अच्छी दोस्ती थी तो मेरा उनके साथ बाहर जाना लगा रहता था.
हर कोई सिर्फ उनके बूब्स पर अपनी आंखें गड़ा कर उन्हें देखता रहता था.

सोसाइटी की औरतें उनसे बहुत जलती थीं.
उनकी जलन शायद इस बात से थी कि वे ऐसी हॉट क्यों नहीं हैं और आंटी के निकलते ही सोसाइटी के मर्द उन्हें देखना बंद क्यों कर देते हैं.

लगभग छह महीने पहले मैंने आंटी को ऐसे ही छेड़ते हुए पूछा- ये सब आपको बिना कपड़े के देखना चाहते हैं!
उन्होंने भी मजाक में बोला- अब इन्हें कहां कुछ मजा आएगा … मैं तो मोटी हो गयी हूँ.

मैंने फिर से पूछा- अंकल तो हर रात देखते ही होंगे?
वे हंसती हुई बोलीं- अंकल की न पूछो, वे तो देखने के अलावा करते भी बहुत कुछ हैं.
मैंने कहा- जैसे?

आंटी ने आंख दबाई और बोलीं- क्यों पूरी सेक्स कहानी सुननी है क्या?

मैंने सेक्स कहानी शब्द सुना तो कहा- आप सुनाना चाहोगी, तो कौन नहीं सुनना चाहेगा.
आंटी हंस दीं और बोलीं- अभी तू इतना जान ले कि तेरे अंकल परांठा दोनों तरफ से सेंकते हैं.

मैं समझ तो गई थी कि आंटी क्या कहना चाह रही हैं.
फिर भी मैंने कुछ भी ना समझने का ड्रामा करते हुए कहा- परांठा तो दोनों तरफ से सेंका ही जाता है आंटी … इसमें क्या नई बात है?

वे मुस्कुरा कर बोलीं- अच्छा तू भी दोनों तरफ से परांठा सिंकवाती है क्या?
अब मैं जरा हड़बड़ाने का नाटक करती हुई बोली- अरे मैं किस से परांठा सिंकवाऊं? मैं तो खुद ही अपना खाना बना लेती हूँ.

आंटी हो हो करके हंसने लगीं और बोलीं- अंकल के लिए मैं ही परांठा हूँ. वे मेरी दोनों तरफ से लेते हैं.
मैं पलकें झपका कर आंटी से बोली- अच्छा आपका ये मतलब था?
तो वे बोलीं- हां मेरा ये मतलब था और अब अंकल ज़्यादातर मेरी पीछे से लेते हैं. उनसे मैं कुछ बोलूँ, तो कहते हैं कि पीछे वाली बहुत मजा देती है.

मैंने पूछा- अरे पीछे से … आपको दर्द नहीं होता?
वे बोलीं- पहले पहल पांच छह बार हुआ, पर अब बहुत मजा आता है.

फिर उन्होंने बात को बदल दिया.

उस दिन आंटी ने मुझे ऊपर बुलाते हुए कहा- आज मेरे फ्लैट में सो जाओ. तेरे अंकल सात दिन की ट्रिप से वापस आ रहे हैं, तो उनके लिए खाना बनाना है. तुम बच्चे को संभाल लेना और बाद में तुम दूसरे रूम में सो जाना.
मैंने भी बोल दिया- हां ठीक है.

फिर रात हुई, हम सब टीवी देख रहे थे अंकल भी थे वहां पर … और वो बहुत हार्नी हो रहे थे.

वो कभी नाइटी के ऊपर से आंटी के बूब्स दबा दे रहे थे और कभी उनकी गांड सहला दे रहे थे.
मैं ये सब कनखियों से देख तो रही थी, पर अनदेखा कर रही थी.

फिर मैं बच्चे को लेकर सोने चली गई और अंकल आंटी अपने रूम में सोने चले गए.

दोनों रूम की अटैच बाल्कनी थी, तो मैंने सोचा कि देखूं तो सही अन्दर क्या चल रहा है.

मैं बाल्कनी की खिड़की के बाहर खड़ी हो गई, एक छोटे छेद से अन्दर नजर गड़ा कर देखा, तो रूम की सारी लाइट्स जल रही थीं और अंकल नंगे थे.
आंटी घुटने पर बैठ कर उनका लंड चूस रही थीं.

मैं देख कर हैरान रह गई. लाइट ऑन करके क्यों कर रहे हैं, पर फ्लैट ऊपर था और उनके रूम में कोई तब तक नहीं देख सकता था, जब तक खिड़की के पास न आए.

उन्होंने फैन और कूलर दोनों चला रखे थे, पर मुझे आवाज साफ आ रही थी.

आंटी बिल्कुल रंडी की तरह लंड चूस रही थीं.
वे पूरा लौड़ा अन्दर ले लेती थीं, फिर अन्दर ही लौड़े को दबा कर रुक जातीं … फिर जब लौड़े को बाहर निकालतीं, तो उसे हाथ से हिलातीं और गोटे चूसने लगतीं.
फिर कुछ पल बाद लंड पर थूक डालकर वापस से अन्दर ले लेतीं.

अंकल ‘उम्म्म आह …’ करते हुए मादक आवाजें निकाल रहे थे.

करीब दस मिनट बाद अंकल बोले- अब मेरा निकलने वाला है, सात दिन से तुम्हारे मुँह से लौड़े को चुसवाने का इंतजार था. अब लो मलाई खा लो.

ये बोल कर अंकल ने आंटी के मुँह में अपना वीर्य निकाल दिया.
आंटी भी हंसती हुई रस पी गईं.

अंकल बैठ गए और लंड हिलाने लगे.

अब आंटी अंकल के सामने खड़ी हो गईं.
मुझे खिड़की से सारा नजारा साफ दिखाई दे रहा था.

आंटी ने धीरे धीरे कमर हिलाते हुए अपनी नाइटी उतारी.
उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी तो वे अब सिर्फ पैंटी में खड़ी थीं.

सच में यार … क्या गोरा बदन था और इतने बड़े बड़े चूचे कि क्या ही बताऊं.
आंटी अब मुड़ीं और अपनी गांड अंकल की तरफ उठा कर पैंटी उतारी.
उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था … शायद आज ही झांटों की सफाई की थी.

आंटी की गोरी गांड देख अंकल का लंड फिर से खड़ा हो गया.
उनका लंड ज्यादा बड़ा नहीं था, पर बहुत मोटा था.

अंकल खड़े हुए और आंटी को बिस्तर की तरफ घुमा कर एक जोर का चांटा गांड पर मारा … और आंटी बिस्तर पर आधी चढ़ कर कुतिया बन गईं.

अंकल ने कहा- आज तो कुतिया की गांड फाड़ूँगा.
ये कह कर उन्होंने एक जैल निकाला.

मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि इतने अच्छे और सभ्य लोग कैसे बातें कर रहे हैं.

उसके बाद अंकल ने जैल लगा कर दो उंगलियां आंटी की गांड में डाल दीं.
आंटी आह की आवाज निकली और उन्होंने कहा- आह थोड़ा आराम से.

अंकल ने एक थप्पड़ मारा गांड पर और जैल लगा कर दोनों उंगलियां अन्दर बाहर करने लगे.

थोड़ी देर बाद अंकल ने लंड पर कंडोम पहना … शायद वे गांड में लंड डालने से पहले प्रोटेक्शन लगा रहे थे.

अंकल ने चिल्ला कर पूछा- क्या चाहिए तुझे कुतिया?
आंटी- तेरा लौड़ा … कुत्ते!

मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि ये आपस में एक दूसरे गालियां क्यों दे रहे हैं.

अंकल ने एक जोरदार थप्पड़ गांड पर मारा और पूछा- कहां लेगी मेरी कुतिया?
आंटी- तेरा मोटा लंड अपनी गांड में लेना है.

अब अंकल बिस्तर पर चढ़ गए और अपने दोनों हाथों से चूतड़ पकड़ कर अल करके आंटी की गांड का छेद खोला और धीरे से लंड अन्दर डालना शुरू कर दिया.

आंटी- उम्म्म आ आह … पेल दे लवड़े.
अंकल ने लंड बाहर निकाल लिया.

आंटी गांड उछालने लगीं और बोलीं- डालो यार, क्या कर रहे हो?
अंकल ने फिर गांड पर थप्पड़ मारा.
आंटी जोर से चिल्लाईं- आह्ह्ह.

अंकल- साली कुतिया, लौड़े के बिना रहा नहीं जाता क्या भैन की लवड़ी?
आंटी- हां, आपका लौड़ा मेरी गांड के लिए है … जल्दी से डाल दो प्लीज, मैं आपकी कुतिया हूँ … उम्म्म.

अंकल अब जोश में आ गए और उन्होंने आंटी के बाल एक हाथ में पकड़ कर खींचते हुए दूसरे हाथ से उनके चूतड़ में चांटा लगाया और तेजी से एक ही बार में लंड अन्दर पेल डाला.

आंटी चीख पड़ीं- आह उम्मम्म इतना मोटा … आह मर गई.

अंकल तेज तेज धक्का मारने लगे.
आंटी ‘आह आह …’ कर रही थीं और गांड भी हिला रही थीं.

जैसे ही अंकल की कमर आंटी की गांड से टकराती तो रूम में फट फट की आवाज गूंज रही थी.

बीच बीच में अंकल आंटी की गांड पर जोर जोर से चांटे मारते हुए पूछते- बोल कुतिया, कैसा लग रहा है?
आंटी- थोड़ा आराम से करो … आह आह … बहुत मोटा लौड़ा है, प्लीज थोड़ा सांस तो लेने दो.

पर अंकल नहीं रुक रहे थे और आंटी के बाल खींच कर उनको कुतिया बनाए हुए चोद रहे थे.

उस समय अंकल फुल स्पीड में चोद रहे थे और एक जोर का धक्का देकर पूरा लौड़ा अन्दर किया और लेट गए.
आंटी भी गिर गईं.

अंकल कंडोम में झड़ चुके थे.
उन्होंने अलग होकर कंडोम निकाल कर फेंक दिया और वहीं लेटे रहे.

मैं भी Xxx आस्स फक का नजारा देख कर बहुत गीली हो गई थी, मैं अपने रूम वापस आकर सोने की कोशिश करने लगी.

दस मिनट बाद भी नींद नहीं आने पर मैंने सोचा कि किचन से पानी पी आती हूँ.

मैं बाहर निकली और किचन में देखा, तो आंटी फ्रिज से पानी ले रही थीं और फ्रिज की लाइट जल रही थी.

मैं जैसे ही पास गई तो देखा कि आंटी ने सिर्फ पैंटी पहन रखी है और कुछ नहीं.

आंटी की गांड और जांघ बहुत लाल थीं.
उन्होंने मुझे देखते ही कहा- तुम सोई नहीं?
मैंने कहा- गर्मी बहुत है, प्यास लगी थी.

वे भी बोलीं- हां गर्मी बहुत है इसलिए मैं भी नाइटी उतार कर सिर्फ पैंटी में घूम रही हूँ.

उनके बड़े बूब्स आंखों के सामने थे और वो ढकने की कोशिश भी नहीं कर रही थीं.

मुझे देख कर समझ आ रहा था कि ऐसे दूध देखने के बाद अंकल के लंड का शांत रहना बहुत मुश्किल है.
मैंने पहली बार उनको इतने करीब से नंगी देखा था.

मुझे भी उनके बूब्स मसलने और गांड पर मारने का मन कर रहा था.

फिर वो जाने लगीं, तो मैंने पूछ ही लिया- आप पीछे से इतनी लाल क्यों हैं?
वो मुस्कराती हुई बोलीं- तुम समझदार हो … समझ जाओ.

मुझसे रहा नहीं गया तो जैसे वो पलटीं, मैंने उनकी गांड पर एक हल्का सा चांटा लगा दिया.
उन्होंने भी हंस कर आह की आवाज निकाल दी.

मैंने कहा- आपकी पैंटी पर कुछ लगा था, वही हटा रही थी.

अंकल आवाज सुन कर बाहर आए और अपने रूम के बाहर खड़े होकर पूछने लगे- क्या हुआ?

वे नंगे थे और उनके रूम की लाइट में लंड साफ दिख रहा था.

मैंने कहा- कुछ नहीं अंकल, मैं बस पानी पीने आई थी.
उन्होंने मेरी आवाज सुनी तो भी अपना लंड ढकने की कोशिश भी नहीं की.

अंकल किचन में नंगे ही आ गए और मुझसे बोले- बोतल ले ली हो तो अब जाओ अपने रूम में.
मैं अपने रूम में लौट गई.

जैसे ही गेट पर पहुंच कर मैंने पलट कर देखा तो अंकल पानी पीते पीते मुझे देख रहे थे और आंटी झुक कर लंड चूस रही थीं.

मैं डर गई और वापस रूम में आ गई.

अब अगले रविवार को मुझे उनके घर पर दोबारा जाना है.
आगे की सेक्स कहानी उसके बाद लिखूँगी.

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