पति के बॉस ने मुझे यौन सुख दिया- 2

हस्बैंड बॉस फक का मजा मैंने तब लिया जब मैं चुदाई का पूरा मजा ना मिलने के कारण बेचैन रहने लगी थी. पति के बॉस ने मेरी ओर कदम बढ़ाये तो मैंने उनके लंड का मजा ले लिया.

नमस्कार दोस्तो,

यह कहानी सुनें.

Husband Boss Fuck Kahani

मैं अनिता सिंह.
मेरी कहानी के पहले भाग
पति से ना मिला सेक्स का पूरा मजा
में अभी तक आपने पढ़ा है कि किस तरह से मैं अपने पति से चुदाई में नाखुश थी और मैं अपने पति के बॉस के संपर्क में आ गई और हम दोनों के बीच दोस्ती के बाद अपनी जिस्मानी हवस को मिटाने के लिए बेचैन थे।

अभी तक हम दोनों के बीच चुदाई की शुरुआत तो नहीं हुई थी लेकिन फोन पर एक दूसरे के साथ सेक्स चैट करते हुए हम दोनों ही चुदाई के लिए व्याकुल हो गए थे।

मुझे चोदने के लिए बॉस ने एक तरकीब सोची थी और उसके लिए मैं भी तैयार हो गई थी।
अब बारी थी हमारे मिलने की और एक दूसरे के साथ चुदाई का मजा लेने की।

तो दोस्तो, आगे की हस्बैंड बॉस फक कहानी में आप पढ़ेंगे कि किस तरह से हम दोनों का मिलन हुआ और हमारे बीच की पहली चुदाई कैसी रही।

मेरे पति के बॉस जिनका नाम था किशोर।
मैं उन्हें हमेशा सर कहकर संबोधित करती थी क्योंकि मेरे पति भी उन्हें सर बोलते थे।

एक दिन सुबह जब मेरे पति ऑफिस के लिए निकले, उसके बाद बॉस का फोन आया.
उन्होंने मुझसे कहा- अब मैं बिल्कुल इंतजार नहीं कर सकता, अब हमें मिलना चाहिए।

उनके जवाब में मैंने भी बोल दिया- मिलना तो मैं भी चाहती हूं लेकिन कहाँ मिलें?

उन्होंने मुझे एक बात बताई और कहा- मैं तुम्हारे पति को दो चार दिन के लिए बाहर भेज रहा हूँ कंपनी के काम से! तब तो तुम अकेली रहोगी और किसी तरह का कोई डर भी नहीं रहेगा।

मैंने कहा- कब जा रहे हैं वे?
“वो कल ही चला जायेगा. आज ऑफिस में उसे सब पता चल जाएगा। बस तुम कल रात में तैयार रहना।”

शाम को जब मेरे पति घर आये तो उन्होंने मुझे सब बात बताई और मुझसे कहा- क्या तुम अकेली रह लोगी या साथ चलोगी?

मैं उनके साथ कैसे जा सकती थी तब तो सब प्लान ही खराब हो जाता इसलिए मैंने उदास होकर उन्हें अकेले जाने के लिए कह दिया।

अगली ही दोपहर को वे चले गए.
और अब मैं घर पर बिल्कुल अकेली थी।

उनके जाते ही सबसे पहले मैं नहाने के लिए बाथरूम गई और नहाने से पहले अपने सारे गुप्तागों के बालों की अच्छी तरह से सफाई की।
साफ सफाई के बाद मेरी प्यारी सी चूत बिल्कुल दमकने लगी थी।

नहाने के बाद मैंने बॉस को फोन किया, उन्हें बताया कि मेरे पति जा चुके हैं।
उन्होंने शाम 7 बजे तक आने के लिए कह दिया।

दोपहर में आराम करने के बाद मैं शाम 5बजे उठी और घर का सब काम निपटाने के बाद खाना बनाने लगी।

7 बजे तक मेरा खाना बनकर तैयार हो गया और अब मुझे इंतजार था बॉस का!

मैं बाथरूम गई और फ्रेश होने के बाद अच्छी तरह से तैयार हुई।

मैंने लाल रंग का सिल्की गाउन पहना जिसमें बाहे नहीं थी और मेरी गोरी गोरी बाहे उसमें काफी सुंदर दिख रही थी।
इसके अलावा मैंने लाल रंग की लिपस्टिक लगाई और जिससे मैं बिल्कुल कयामत लग रही थी।

आज तो बॉस मुझे देखकर पागल होने वाले थे।

गाउन के अंदर एक हाफ कट की जालीदार पेंटी और उसके मैचिंग ब्रा पहनी हुई थी।

कुछ देर दरवाजे की घण्टी बजी और मैंने दरवाजा खोला।
सामने बॉस खड़े थे.
मैंने उन्हें अंदर बुलाया और दरवाजा बंद कर लिया।

जैसे ही मैंने दरवाजा बंद किया, बॉस ने मुझे पीछे से पकड़ा और लिपटकर मुझे जकड़ लिया।

“रुकिए न सर … रुकिए … क्या कर रहे हैं।”
“कुछ नहीं, जो करने आया हूँ, वही कर रहा हूँ।”
“अभी उसके लिए काफी समय है. अभी तो छोड़िए मुझे … अभी कोई भी पड़ोस का आ सकता है. अभी रुकिए।”

लेकिन वे नहीं माने और मुझे पलटाकर मुझे अपने सीने से लगा लिया।

यह मेरी जिंदगी में पहली बार था जब मैं किसी पराए मर्द की आगोश में गई थी।

मुझे बाहों में लिए हुए बॉस बोले- बाद में जो भी होगा वे तो होगा ही! अभी थोड़ा मुँह मीठा तो कर ही सकते हैं.

बॉस ने मेरे चेहरे को अपने हाथों में लिया और मेरे लाल लाल होंठों पर अपने होंठ रख दिये।
वे बड़े प्यार से मेरे होंठों को चूमने लगे और मैं भी उनका साथ देने लगी।

कभी वे मेरे निचले होंठ को कभी ऊपर वाले होंठ को बारी बारी से चूम रहे थे।
मैं भी अपनी जीभ निकालकर उनकी जीभ से टकरा रही थी।

फिर वे मेरी जीभ को अपने मुँह में भरकर चूसने लगे।

इतना सब कुछ मेरे लिए काफी था और मेरे जिस्म में गर्मी बढ़ने लगी चूत में हलचल पैदा होने लगी और ऐसा लगने लगा कि अब जो भी होना है होने दो।
काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे की बाहों रहे और ऐसे ही एक दूसरे के होंठों का रसपान करते रहे।

ऐसा लग रहा था जैसे वे अभी ही मुझे चोदने वाले थे लेकिन फिर हम दोनों ने ही अपने आप को सम्हाला और अलग हो गए।

घड़ी में उस वक्त आठ बजे थे और इस वक़्त किसी भी पड़ोसी का मेरे घर पर आने का खतरा था।
इसलिए हमने थोड़ा इंतजार करना ही सही समझा।

फिर रात 9 बजे हमने साथ में खाना खाया।

उसके बाद मैं बाहर जाकर आसपास का जायजा लेने लगी।
सभी लोग अपने अपने घरों में थे और अब इस वक़्त किसी के आने का कोई खतरा नहीं था।

मैं घर के अंदर आ गई और सभी दरवाजे खिड़कियां बंद कर दी।

अब बॉस से रहा नहीं जा रहा था, उन्होंने मुझे एक झटके में ही अपनी गोद में उठा लिया और बेडरूम की तरफ चल दिये।

बेडरूम में आकर उन्होंने मुझे बिस्तर के पास खड़ी कर दिया और मुझे अपनी बाहों में लेकर मेरे होंठों को चूमने लगे।

मैं उनका साथ देते हुए अपनी उंगलियां उनके बालों में चलाने लगी और अपनी जीभ बाहर करते हुए उन्हें पूरा साथ देने लगी।

काफी देर तक उन्होंने मेरे होंठों को चूमा और फिर मेरे गालों, मेरे कानों, मेरी गर्दन को चूमते हुए मेरी नंगी गोरी गदराई हुई बाहों को सहलाते रहे।

फिर उन्होंने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और वहीं खड़े होकर अपने कपड़े निकाल दिए और केवल चड्डी पहनकर मेरे पास आ गए।

उनकी चड्डी में जिस तरह से तम्बू बना हुआ था, उसे देखने से साफ पता चल रहा था कि उनका लंड काफी तगड़ा था और पूरी तरह से खड़ा हो चुका था।

अब वे मेरे बगल में लेटकर मेरे गालों को चूमने लगे और उनका एक हाथ मेरे तने हुए दूध को गाउन के ऊपर से ही मसलने लगे।
जल्द ही उनका हाथ नीचे की तरफ गया और मेरे गाउन के अंदर से होता हुआ मेरी चिकनी जांघों को सहलाने लगा।

वे बारी बारी से मेरी दोनों जांघ को सहला रहे थे और बीच बीच में पेंटी के ऊपर भी अपना हाथ चला रहे थे।

जल्द ही उन्होंने मुझे उठाया और एक झटके में मेरे गाउन को निकाल दिया।
अब मैं ब्रा पेंटी में ही लेटी हुई थी और वे मेरे बदन को बड़े गौर से घूर रहे थे।

फिर वे मेरे ऊपर आ गए और ब्रा से बाहर निकल रहे मेरे स्तनों को चूमने लगे।
अब मेरे मुंह से अपने आप ही सिसकारियां निकलने लगी- आआह ऊऊ ऊ उफ़्फ़ ऊऊऊ आआह उऊऊ!

फिर उन्होंने मेरे दोनों हाथों को ऊपर की तरफ किया जिससे मेरे गोरे गोरे अंडरआर्म्स खुलकर सामने आ गए।
अब वे मेरी बगलों में अपनी जीभ चलाते हुए उनको प्यार से चाटने लगे।

मैं भी अब गर्म होने लगी थी आआह आआह की मधुर आवाज कमरे में गूंजने लगी।

कुछ देर बाद उन्होंने मेरी ब्रा का हुक खोला और ब्रा निकालकर अलग कर दी।

मेरे दोनों बड़े बड़े दूध उनके सामने तन गए.
उन्होंने पहले दोनों हाथों से दोनों दूध को सहलाया और फिर मेरे गुलाबी निप्पल को अपने मुँह में भरकर चूसने लगे।

मेरे निप्पल मेरी कमजोरी हैं.
जैसे ही उन्होंने निप्पलों को चूसना शुरू किया, मैं काफी उत्तेजित हो गई और उनके सर को अपने दूध में दबाने लगी।

वे एक हाथ से मेरे एक दूध को मसल रहे थे और दूसरे निप्पल को बुरी तरह से चूस रहे थे और दांतों से काट रहे थे।

‘उफ़्फ़ ऊउ आआआ आह आआ आआह ऊऊईई ऊऊऊ’ करती हुई मैं बिस्तर पर मचल रही थी।

काफी देर तक उन्होंने मेरे दोनों दूध को मसला और चूसा जिससे मेरे दोनों दूध लाल हो गए और मुझे जलन सी होने लगी।

इसके बाद वे मेरे दूध से हटकर मेरी नाभि पर पहुंचे और मेरी नाभि में जीभ डालकर चाटने लगे।

उसके बाद वे मेरी पेंटी तक जा पहुँचे और पेंटी को नीचे की तरफ सरकाते हुए निकाल दिया।
अब मैं उनके सामने पूरी तरह से नंगी थी।

मैंने एक हाथ से अपनी चूत को छुपाया क्योंकि मुझे शर्म सी आ रही थी।

लेकिन उन्होंने मेरे हाथ को हटाया और मेरी चूत के पहले दर्शन किये।

दोस्तो, शादी के पहले तक मेरी चूत बिल्कुल गुलाबी रंग की थी लेकिन अब गेंहुए रंग की हो गई है.
लेकिन अभी तक फैली हुई नहीं है और चूत की पलकों को खोलने पर ही अंदर का छेद नजर आता है।

कुछ देर तक मेरी चूत को देखने के बाद उन्होंने अपनी उंगलियों से चूत की पलकों को फैलाया और अपने अंगूठे से चूत को सहलाया।

मेरे अंदर जैसे बिजली कौंध गई … उनके हाथ से मेरी चूत को छूना मेरे लिए बहुत उत्तेजक था।
आज पहली बार किसी पराए मर्द ने मेरी चूत पर हाथ लगाया था।

एक पराए मर्द के साथ हमबिस्तर होने का एक अलग ही मजा आता है, ये मुझे पहली बार पता चला था।

फिर उन्होंने अपनी जीभ को चूत में लगाया और बड़े प्यार से चूत को चाटने लगे।

जैसे जैसे वे मेरी चूत पर जीभ चला रहे थे, वैसे वैसे मेरा पूरा बदन बुरी तरह से कांप रहा था।

उनकी खुरदुरी जीभ जब मेरी मुलायम चूत पर चल रही थी तो मुझे एक अलग ही मजा मिल रहा था।
ऐसा लग रहा था जैसे वे ऐसे ही मेरी चूत को चाटते रहें और मैं ऐसे ही दोनों टांगें फैलाये लेटी रहूँ।

दोस्तो, आप लोगों को पता होगा कि चूत में दो छेद होते हैं, एक से पेशाब बाहर आता है और दूसरा छेद चुदाई के काम आता है।
बॉस ने मेरे पेशाब वाले छेद पर अपनी जीभ लगाई और गोल गोल घुमाने लगे।

उनके ऐसा करने से मेरी दोनों जाँघे बुरी तरह से काँपने लगी और और मेरे चूतड़ अपने आप ही ऊपर नीचे होने लगे।

वह अहसास मेरे लिए इतना ज्यादा उत्तेजक था कि मैं ज्यादा समय तक टिक नहीं पाई और झड़ गई।

जैसे ही मैंने झड़ना शुरू किया, मेरी चूत से गर्म पानी का फव्वारा उनके चेहरे पर पड़ा.
लेकिन वे इसके बावजूद चूत चाटने में लगे रहे।

रुक रुक कर मेरा फव्वारा निकलता रहा और वे सारा पानी अपनी जीभ से चाटते रहे।

उनके लगातार चूत चाटने से मैं बहुत जल्दी ही फिर से एक बार गर्म हो गई।
कुछ देर बाद उन्होंने मेरी चूत को छोड़ा और मेरे ऊपर आ गए।

वे एक झटके में मेरे ऊपर आये जिससे उनके शरीर का पूरा वजन मेरे ऊपर आ गया।
मैं जोर तड़प उठी और मेरे मुंह से निकला- ऊऊईई ईई मां माम मम्मी।

कसम से उनका वजन काफी ज्यादा था, उन्होंने मुझे बुरी तरह से दबा दिया था।

अब उन्होंने मेरा एक हाथ पकड़ा और नीचे लेजाकर अपने लंड को थामने का इशारा किया।

मैंने भी एक झटके में उनके गर्म लंड को पकड़ लिया और आगे पीछे करते हुए मसलने लगी।

उनका लंड वास्तव में काफी दमदार था, उनके सामने मेरे पति का लंड तो खिलौना ही था।

मैं बार बार लंड के सुपारे को बाहर निकालती और अपने अंगूठे से सहलाती।

जल्द ही उनका लंड चिपचिपे पानी से सराबोर हो गया।

उन्होंने मेरे हाथ से लंड को लिया और मेरी चूत में रगड़ते हुए अपना चिपचिपा पानी चूत में लगाने लगे।

अब हम दोनों चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार थे।

उन्होंने मेरे दोनों पैरों को अपने हाथों में फंसा कर मेरी टांगें हवा में उठा ली।

तभी उन्होंने लंड चूत में लगाया और दबाव देना शुरू किया।

बॉस का लंड फिसलता हुआ चूत की पलकों को खोलते हुए अंदर जाने लगा।

जैसे ही उनका सुपारा मेरी चूत में गया, मेरे मुंह से निकला- आआ आआह मम्मई ईई!

“क्या हुआ?”
“आआह सर … आपका ज्यादा ही मोटा है।”

“कुछ नहीं बस तुम देखती जाओ।” इतना कहते ही उन्होंने एक धक्का लगा दिया जिससे लंड सीधा मेरी चूत की गहराई तक उतर गया।
मैं जोर से चीख पड़ी- ऊऊई ईईई मम्मी ईईई आआह आआऊच!

कुछ देर वे बड़े प्यार से लंड को अंदर बाहर करते रहे.
और जब लंड चूत में आसानी से जाने लगा तो उन्होंने अपनी दोनों हथेलियों से मेरे चूतड़ों को थाम लिया और मुझे चूमते हुए अपनी रफ्तार तेज करने लगे।

जल्द ही उनके तेज तेज धक्कों से पूरा बिस्तर हिलने लगा।

हम दोनों को सिसकारी पूरे कमरे में गूँजने लगी- आआह आआह ऊऊईईईई ऊऊऊऊ आऊच ओओह आआह मम्मी ईईई आआह ऊऊईईईई।

सच में जिस तरह से वे धक्के लगा रहे थे उनके अंदर बहुत ताकत थी।
मेरा पूरा शरीर उनके धक्कों से कांप जाता था।
उनका लंड गपागप मेरी चूत में जा रहा था- ऐसा लग रहा था जैसे कोई मशीन चल रही हो।

मुझे इतना ज्यादा मजा आ रहा था कि मैं अपनी आँखें बंद किये उस चुदाई का मजा ले रही थी।

मेरे दोनों दूध उनके सीने के नीचे बुरी तरह कुचले जा रहे थे जिससे हम दोनों का मजा दुगना हो रहा था।

करीब पंद्रह मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गई लेकिन वे अभी भी मुझे चोदे जा रहे थे।

अब उन्होंने अपने दोनों हाथ बिस्तर पर टिका दिए और मेरे ऊपर से अपना वजन हटा लिया।
अब वे अपना पूरा लंड बाहर निकालते औऱ आहह हहहह आआह हहह की आवाज के साथ जोर से अंदर डाल देते।

रुक रुक कर वे ऐसा लगातार कर रहे थे जिससे उनका लंड मेरी चूत के आखिरी छोर तक जाता था और मुझे दर्द के साथ असीम आनन्द मिल रहा था।
बार बार वे अपना पूरा लंड बाहर करते और पूरी ताकत से आह की आवाज के साथ अंदर पेल देते।

उनके हर धक्के में इतनी ताकत थी कि मेरी आआह निकल जाती थी और मैं जोर से कहती- आआह हहहह सर आआ हहह सर!

करीब 25 से 30 धक्के ऐसे ही लगाने के बाद वे भी मेरे अंदर ही झड़ गए और मेरे वक्ष पर सर रखकर लेट गए।

हस्बैंड बॉस फक के बाद हम दोनों ही पूरी तरह से पसीने से भीग गए थे और सारा बदन चिपचिपा रहा था।

मेरी सांस काफी तेजी से चल रही थी जिससे मेरे दूध ऊपर नीचे हो रहे थे।

कुछ समय बाद ही हम दोनों के बदन का पसीना सूख गया और तब तक उनका लंड भी सिकुड़कर चूत से बाहर निकल आया था।

करीब आधे घंटे के बाद उन्होंने मुझे फिर से चूमना चाटना शुरू कर दिया और जल्द ही हम दोनों फिर से गर्म हो गए।

इस बार उन्होंने मुझे तरह तरह से चोदा; कभी मुझे घोड़ी बनाते कभी मुझे अपने ऊपर लेते।
कभी हम दोनों बिस्तर से बाहर खड़े होकर चुदाई करते; कभी वे मुझे गोद में उठाकर उछाल उछाल कर चोदते।

उस दिन मेरी ऐसी चुदाई हुई थी जैसी चुदाई मेरे पति ने कभी नहीं की थी।

रात 2 बजे तक तीन बार हम दोनों ने चुदाई की और फिर सो गए।

अगली सुबह हम दोनों आठ बजे उठे और वे तैयार होकर 9 बजे चले गए।

लेकिन फिर शाम को आने का वादा कर गए.
इसका मतलब था कि आज रात फिर मेरी चुदाई होने वाली थी।

दोस्तो, कहानी के अगले भाग में आप पढ़ेंगे कि अगली रात जब बॉस मेरे घर आये तो किस तरह से उन्होंने मेरी गांड की चुदाई की.
क्योंकि उससे पहले मेरे पति ने कभी भी मेरी गांड नहीं चोदी थी तो मेरी गांड पूरी तरह से कुँवारी थी.

किस तरह से बॉस ने मेरी गांड की सील खोली; ये सब जानने के लिए कहानी का अगला भाग जरूर पढ़ें।
धन्यवाद।

प्रॉय पाठको, आपको यह हस्बैंड बॉस फक कहानी कैसी लगी?
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हस्बैंड बॉस फक कहानी का अगला भाग:

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