पब्लिक पार्क में पहाड़ी लड़के की जबरदस्त चुदाई

गे गे सेक्स कहानी में गांड मारने के मेरे शौक के कारण मैंने गांडू लड़कों की तलाश में रहता था. एक ऐप से मुझे एक पहाड़ी लड़का मिला जो चिकना था. एक पार्क में मैंने उसे चोदा.

दोस्तो, मैं विपुल कुमार हूँ.
मैं यहां का एक नियमित कहानी पढ़ने वाला पाठक और लेखक दोनों ही हूँ.

आज मुझे पुनः लगा कि मैं अपनी अन्य कहानियां भी आप सबके साथ साझा करूँ.

इसीलिए अपनी पिछली सेक्स कहानी शेयर करने के बाद मैं एक बार फिर से अपनी नयी कहानी लेकर हाजिर हूँ.
मेरी पिछली गे गे सेक्स कहानी
मेट्रो वाले लड़के की गांड की चुदाई
को आप लोगों ने जो प्यार दिया, उसके लिए धन्यवाद.

उसके बाद मुझे बहुत लोगों के मेल प्राप्त हुए.
जिन्होंने मेरी कहानी की तारीफ की और उसके बारे में अपने विचार रखे.
उन सभी का तहे दिल से धन्यवाद.

मैं अपनी इस कहानी में पार्क में एक पहाड़ी लड़के की गांड की चुदाई को लिख रहा हूँ और आशा करता हूँ कि यह भी आप लोगों को पसंद आएगी.

आगे बढ़ने से पहले मैं अपने बारे में बता दूँ कि मैं एक लम्बे कद का लड़का हूँ.
मेरी हाइट 5 फुट 11 इंच की है.
मैं सांवला हूँ लेकिन जिम करने से मेरा शरीर सुडौल है.
मेरा लंड 7 इंच का है.

यह बात उस वक्त की है जब मैं दिल्ली में जॉब करता था.
वहां महरौली में मेरे एक रिश्तेदार रहते हैं.
अक्सर छुट्टी के दिनों में मैं उनके घर चला जाया करता था.

एक शुक्रवार की शाम को मैं अपने उन रिश्तेदार के घर गया था.
उन्हीं दिनों मुझे ग्राइंडर एप के बारे पता चला था जो एक गे डेटिंग एप है.
उधर टॉप बॉटम सब लोग मिलते हैं, आपस में बात करते हैं और अगर दोनों की मर्जी होती है तो फिर सच में मुलाकात भी करते हैं.

मैंने भी अपने फ़ोन में यह एप इंस्टाल किया था.

शनिवार की शाम को मैंने एप ऑन किया तो बहुत सारे लोग ऑनलाइन दिखने लगे.
मैं इस एप को पहली बार यूज़ कर रहा था, तो मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था.

उधर कई लोगों से बात हुई लेकिन बात नहीं बनी.

ऐसे ही कुछ टाइम बाद मुझे एक प्योर बॉटम करके आइडी दिखी.
तो मैंने हैलो का मैसेज किया.

कुछ देर बाद रिप्लाई आया.
फिर हम दोनों की बात हुई.

उसने बताया कि वह एक 22 साल का पहाड़ी लड़का है जो वहीं रहकर जॉब करता है.

उससे मिलने की बात हुई तो उसके पास जगह नहीं थी.
जगह तो मेरे पास भी नहीं थी तो हम दोनों ने तय किया कि रात 8 बजे के बाद पार्क में मिलेंगे.

मैं पहली बार बिना जान पहचान के, लड़के से सिर्फ एक एप पर बात करके मिलने वाला था … तो मुझे थोड़ी घबराहट भी हो रही थी.

लेकिन लड़के की गांड मारने की सोचकर बहुत खुशी भी हो रही थी.
लंड भी गांड मारने की सोच कर ही टाईट होने लगा था.

खैर … आठ बजे उसका मैसेज आया कि मिलने आ रहे हो न!
मैं तो उसी के इंतजार में बैठा था.

मैंने तुरंत रिप्लाई किया कि हां दस मिनट के अन्दर मैं पार्क में आ जाऊंगा.
तो उसने बोला कि ठीक है, मैं भी उतने ही टाइम में पहुंच जाऊंगा.

फिर गे गे सेक्स के लिये हम दोनों पार्क में पहुंच गए.

वह पार्क बहुत बड़ा था तो एक दूसरे से मिलने में थोडा टाइम लगा.

हम लोग मिले.

क्या मस्त लड़का था, छोटी सी हाईट … गोरा बदन और गांड उभरी हुई पैंट के ऊपर से ही पता चल रहा था.
मदहोश कर देने वाली आंखें.

उसको देखते ही मेरे बदन में सरसरी होने लगी.
मेरे लंड के आगे टोपे वाले एरिया में अजीब सी हलचल होने लगी.

उस समय पार्क में लोग थे, तो हम लोग अकेले में एक बेंच पर बैठ गए और बातें करने लगे.

उसने अपना हाथ मेरी जांघ पर रखा था तो मेरे लौड़े से कंट्रोल ही नहीं हो रहा था.

उसके हाथ रखने भर से ही लंड खड़ा होने लगा था.

मैंने उससे कहा- तुम बहुत मस्त हो, तुम्हारी गांड बहुत मस्त है!
तो वह बोला- आप भी बहुत मस्त हैं … आपके जैसा ही मुझे लम्बा और तगड़ा शरीर वाला बंदा चाहिए था.

हम लोग बात कर रहे थे पर मेरा मन तो उसको चोदने के लिए मरा जा रहा था.
उसको भी मेरे लंड की तलब हो रही थी.
वह भी बार बार बहाने से मेरे लंड को छू रहा था, सहला रहा था और कभी कभी जोर से दबा दे रहा था.

फिर धीरे धीरे पार्क में भीड़ कम होने लगी और बस कुछ लोग ही बचे थे.

हम लोग पार्क में घूमने लगे और कोई सुनसान जगह की तलाश करने लगे.

रात हो गयी थी तो अंधेरा था ही … मैंने उसकी पैंट में पीछे से हाथ डाल दिया और उसकी गांड को रगड़ने लगा.
एकदम मुलायम गांड थी, गोल गोल चूतड़ थे.

मैं उसकी गांड को जोर जोर से रगड़ रहा था.
उसने भी मेरे लंड को हिलाना शुरू कर दिया था.

फिर खोजते खोजते एक सुनसान जगह मिली, जहां काफी बड़ी बड़ी झाड़ियां थीं.

हम दोनों ने वहीं अपना चुदाई का मस्त खेल खेलने का तय कर लिया.
हम दोनों तुरंत झाड़ी के पीछे चले गए.

उसने एकदम से मुझे किस करना शुरू कर दिया.
मैंने भी उसका साथ देना शुरू कर दिया.

हम दोनों एक दूसरे को खूब चूम-चाट रहे थे.
उसके गाल इतने मस्त मुलायम थे, वैसे गाल तो लड़कियों के भी नहीं होते.

मैं उसको अपनी गोद में बैठा कर उसको किस करने लगा.
उसकी गर्दन पर किस करते करते मैंने उसे थोड़ा बाईट भी कर लिया.

उसे दर्द हुआ लेकिन वह भी उस समय सेक्स के नशे में चूर था और खुशी से मजा ले रहा था.

फिर वह मेरी टी-शर्ट ऊपर करके मेरे निप्पल को चूसने लगा.
ऐसा करने से मुझे ऐसा लगा जैसे मैं जन्नत में हूँ.

मेरे मुँह से आह आह की आवाजें आने लगीं, पर मैंने आवाज पर कंट्रोल किया और मस्त होने लगा.

वह मेरे निप्पल चूसे जा रहा था.

वह एक गांड मराने वाला अनुभवी बंदा था और उसको पता था कि मर्द को कैसे गर्म किया जाता है.
फिर मैं भी उसके एक निप्पल को चूसने लगा तो उसकी भी सिसकारियां निकलने लगीं.

मैंने उसके मुँह में अपनी उंगली डाल दी.
वह उंगली को ऐसे चाट रहा था, जैसे लंड को चाट रहा हो.

वह मेरा मुँह पकड़ कर अपनी चूचियों को चटाए जा रहा था.
उसके निप्पल बहुत मस्त व रसीले थे.

मैंने चूस चूस कर उसके दोनों निप्पल एकदम लाल कर दिए.
मेरे चूसने से उसके थन फूल कर बड़े बड़े से हो गए थे.
सच में किसी नवयौवना के चीकू जैसे लगने लगे थे.

फिर वह नीचे की तरफ सरक गया और मेरी पैन्ट के ऊपर से पहले जीभ से चाटने लगा.
तभी उसने मेरी पैंट उतार दी.
मेरा लंड तो कब का खड़ा हुआ था.

उसने जैसे ही मुँह में लंड लिया, उसके मुँह की गर्मी और गर्म गर्म जीभ की मुलायमियत महसूस होते ही मेरी आंखें बंद होने लगीं.
उसने धीरे धीरे मेरा लंड चुसना शुरू कर दिया.

मेरी तो आंखें बंद हो गयी थीं. इतना मजा आ रहा था कि मैं उसके सर को पकड़ कर आहें भर रहा था.
उसने धीरे धीरे करते करते, तेज तेज चूसना शुरू कर दिया.

मेरे मुँह से ‘आह उफ्फ्फ ऊहह्ह्ह …’ की आवाजें आने लगीं.
मैं उसके सर को पकड़ कर अपना पूरा लंड उसके मुँह के अन्दर ठांसने लगा.

मेरा लंड उसके गले तक पहुंच गया, तो उसने तुरंत बाहर निकाल दिया.

वह बोला- बहुत बड़ा है, आराम से डालो.
मैंने कहा- ठीक है.

उसने फिर से लंड मुँह में लिया और मैंने पूरा लंड उसके गले तक उतार दिया.
उसकी हालत ख़राब हो गयी; उसका पूरा मुँह थूक से भर गया.

फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया.
उसने कुछ पल बाद फिर से वैसे ही किया और इस बार मैं उसके मुँह को थोड़ा तेजी से चोदने लगा.

उसके मुँह से आवाजें नहीं आ रही थीं, लेकिन उसकी आंखें से पानी आने लगा था.
उसकी आंखें लाल हो गईं, तब मैंने लंड बाहर निकाला.

उसने हांफते हुए कहा- बहुत बड़ा है तुम्हारा … मेरी सांसें बंद हो जा रही हैं. लेकिन चूसने में बहुत मजा आ रहा है.

उसके बाद मैंने उसको सीधा लेटा दिया और उसके मुँह के पास लंड लाकर उसके मुँह में डाल दिया.
इस बार तो लंड गले के अन्दर तक चला गया और उसका पूरा मुँह लार से भर गया.

उसको लगा कि उलटी हो जाएगी.
मैंने लंड निकाल लिया तो बोला- अब मेरी गांड चोदो, मैं लंड मुँह में नहीं ले पाऊंगा.

मैंने उसको कुत्ते की तरह हो जाने को कहा.
वह तुरंत ही डॉगी स्टाइल में आ गया.

मैंने बहुत सारा थूक उसकी गांड के छेद पर गिरा दिया.
मेरा लंड एकदम लोहे के जैसा कड़क हो गया था और लंड का टोपा थोड़ा ज्यादा मोटा हो गया था.

जब मैं उसकी गांड में लंड डालने लगा, तो उसको दर्द होने लगा.
उसकी चीख निकल गयी- आहाह्ह आराम से डालो!

मैंने फिर बहुत सारा थूक उसकी गांड पर थूक दिया, जिससे उसकी पूरी गांड गीली हो गयी.

फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर टिकाया और जोर लगाया तो मेरा लंड का टोपा उसकी गांड के अन्दर जाने लगा.
उसकी गांड में दर्द होने लगा और उसके मुँह से आहह्ह की आवाजें निकलने लगीं.

फिर मैंने उसकी कमर पकड़ कर एक जोर का धक्का लगाया जिससे मेरा आधा लंड उसकी गांड को चीरते हुए उसकी गांड में अन्दर तक चला गया.
उसकी जोर से चीख निकल गयी.

मैंने जल्दी से उसका मुँह दबा दिया ताकि कोई सुन न ले.

मैंने उससे बोला- चिल्लाओ मत, नहीं तो कोई सुन लेगा.
उसने कराहते हुए कहा- तुम्हारे इतने मोटे और बड़े लंड ने मेरी गांड को फाड़ दिया … आह बहुत दर्द हुआ है.

मैं कुछ देर तक रुका रहा और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.
उसके अन्दर अभी भी पूरा लंड नहीं गया था.

मैं उसकी पीठ पर किस करने लगा और उसके मुँह को दबा लिया और एक तेज धक्का मारा, जिससे मेरा पूरा लंड उसकी गांड के अन्दर चला गया.

वह पुन: चीखने को हुआ, लेकिन मैंने उसका मुँह कसके दबा रखा था, इसलिए उसकी चीख नहीं निकल पायी.
वह कुत्ते की पोजीशन से पूरा नीचे लेट गया, लेकिन मैंने उसको छोड़ा नहीं, कसके पकड़ रखा था.

कुछ देर बाद जब वह थोड़ा सामान्य हुआ, तो मैंने लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
अब वह भी मेरा साथ देने लगा.

कुछ ही देर में हम दोनों एकदम सहज हो गए थे और चुदाई का मजा लेने लगे थे.

मैं उसकी गांड में धक्के मारता और वह अपनी गांड उठा उठा कर मेरे लंड को अपने अन्दर लेने लगा.
‘आह ऊओह्ह फक्क मी फक्क्क मीई …’

हम दोनों चुदाई करने में मस्त थे.
कि तभी हमें लगा कि कोई आ रहा है.

मैंने लंड बाहर निकाल लिया लेकिन वहां कोई नहीं था.

फिर हम दोनों ने खड़े होकर ही चुदाई करने का मन बनाया और वह एक पेड़ को पकड़ कर झुक गया.

मैंने अपना लंड फिर से उसकी चिकनी गांड में एक बार में ही डाल दिया और कमर से पकड़ कर उसको चोदने लगा.

अब पुनः उसके मुँह से आह ऊऊह की आवाज निकल रही थी.
वह अपनी गांड को आगे पीछे करके खूब मस्ती से चुदवा रहा था.

दस मिनट तक ऐसे ही गांड फाड़ चुदाई के बाद मेरा माल निकलने वाला हो गया था.

तो मैंने पूछा- कहां लोगे?
उसने कहा- गांड में ही छोड़ दो.

मैंने अपना पूरा रस उसकी गांड में भर दिया और उसको पकड़कर खड़ा हो गया.
थोड़ी देर बाद हम एक दूसरे से अलग हुए.

अब हम दोनों जमीन पर बैठ गए.

उसने कहा- आपका बहुत मोटा है, मैंने बहुत गांड मरवाई है … लेकिन ऐसा लंड पहले कभी नहीं मिला … आपसे चुदवा कर मजा आ गया.
मैंने कहा- तुम भी बहुत मस्त गांड के मालिक हो और एक पहाड़ी को चोदकर मुझे बहुत मजा आया.

फिर हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और जाने से पहले किस करने लगे.

मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.
पर हम दोनों को देर हो रही थी तो हम लोग अलग हो गए.

फिर मैंने उसको बताया कि मैं अक्सर वीकेंड में आता हूँ.
उसने कहा- ओके, जब भी आना … मैसेज करना.

मैंने कहा- हां हम लोग मिलेंगे और गांड फाड़ चुदाई करेंगे.
उसने कहा कि अगली बार आने से पहले बोलना, तो मैं रूम का जुगाड़ भी कर लूँगा.

हम लोग बाय बोलकर अपने अपने घर आ गए.

अब मैं जब भी जाता था तो उससे बात होती थी और अगर वह खाली रहता था, तो हम दोनों चुदाई करते थे.

तो दोस्तो, ये थी मेरी एक और गे सेक्स कहानी, जिसमें आपने जाना कि कैसे मैंने एक पहाड़ी लड़के की गांड मारी थी.
आपको कैसी लगी, प्लीज बताएं.

गे सेक्स के साथ साथ मैं लड़कियों के साथ सेक्स की भी कहानियां शेयर करूंगा.
मेरी गे गे सेक्स कहानी के बारे में नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट जरूर करें.

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