बारिश में मिली भाभी ने चुत की सवारी करवाई

Xxx भाभी पोर्न स्टोरी में पढ़ें कि मेरी बाइक टैक्सी एक लेडी ने बुलायी. मैं बारिश में उसे उसके घर छोड़ने गया, हम दोनों भीग गए. उसने मुझे घर में बुलाया.

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं और पिछले काफी सालों से अन्तर्वासना पर सेक्स स्टोरी पढ़ता आ रहा हूं.

अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली Xxx भाभी पोर्न स्टोरी है. आप इसका ना सिर्फ आनन्द लें … बल्कि महसूस करें कि एक छोटा सा सफर कितना हसीन हो सकता है.

मेरा नाम राज है, मैं इंदौर में रहता हूं. उम्र 28 वर्ष है, रंग सांवला, लंबाई 6 फीट शरीर से एकदम फिट हूँ.
मेरे शरीर पर कोई अतिरिक्त चर्बी नहीं है, जो कि मेरे प्रति लड़कियों व भाभियों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका रखती है.

मैं आपको इस बात का विश्वास दिलाता हूं कि आज की मेरी सेक्स कहानी को पढ़ने के बाद हर अकेला आदमी अपने लंड को हिलाने और लड़कियां … विशेषकर अकेली भाभियां, अपनी चुत में उंगली डाले बिना नहीं रह पाएंगी.

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आजकल बाइक टैक्सी का चलन बहुत जोरों शोरों से चल रहा है. मैं भी एक बाइक राइडर हूं. दिन में बहुत सारी सवारियों को अपनी बाइक पर बिठाकर उनको उनकी मंजिल तक पहुंचाता हूं.

अभी 20 दिन पहले की बात है, मैं एक सवारी को छोड़ने बाईपास के नजदीक गया था.
सवारी को छोड़ने के पहले ही हल्की हल्की बारिश आरम्भ हो गई थी. सवारी को छोड़ने के बाद मैंने घर जाना ही उचित समझा … क्योंकि शाम ढल चुकी थी और अंधेरा होने लगा था.

मैं अपने घर की तरफ बढ़ ही रहा था कि कुछ दूर जाने के बाद मेरी एक और बुकिंग आ गई.

पहले तो मैंने सोचा कि बारिश हो रही है, बुकिंग अटेंड नहीं करता हूं. फिर मैंने सोचा कि क्या मालूम भला कौन इस बारिश में परेशान हो रहा होगा. ऐसा सोचते हुए मैंने बुकिंग अटेंड की और कस्टमर को कॉल किया.

बुकिंग किसी लेडी की थी.
मैंने उससे बात की और एड्रेस पूछा. ये एड्रेस कुछ दूर था.

तो मैंने उनसे कहा कि मुझे आने में 10 से 15 मिनट लगेंगे.
उन्होंने बोला कि प्लीज जितनी जल्दी हो सके … उतनी जल्दी आ जाइए.

मैंने कॉल डिस्कनेक्ट किया और उनके पते के पास पहुंच गया.
फोन से ठीक पता पाकर मैं उसके पास पहुंच गया.

उधर जाकर देखा तो वो महिला बला की खूबसूरत थी. वो 25 वर्ष उम्र की एक शादीशुदा औरत अपनी खराब हो चुकी कार की डिग्गी को ओपन किए हुए आधी भीगी हुई अपनी गाड़ी में बैठी हुई थी.

वो शायद अपनी गाड़ी को ठीक करने की कोशिश कर रही थी कि तभी बारिश आ गई और वह भीग गई.

मैं उसके पास पहुंचा और उससे पूछा- बुकिंग आपने ही की है न!
वह बोली- हां बुकिंग मैंने ही की है. भगवान का शुक्र है कि आप आ गए. मुझे तो लग रहा था कि ऐसी बारिश में शायद कोई नहीं आएगा.
मैंने बोला- ऐसा नहीं है, मुझे तो आना ही था और यह मेरा काम है.

वो मेरी तरफ देखने लगी तो मैंने उससे पूछा कि आप मेरी बाइक पर जाएंगी, तो आप भीग जाएंगी, क्योंकि मेरे पास रेनकोट नहीं है.
इस पर उसने मेरी तरफ बड़े प्यार से देखते हुए कहा- कोई बात नहीं … मुझे काफी वक्त हो गया है और मुझे घर पहुंचना है. आप मेरे भीगने की परवाह ना करें. आप मुझे मेरे घर तक छोड़ दें.

मैंने उसे अपने गाड़ी पर बिठाया और उसके घर की ओर चल दिया.

जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे थे … वैसे वैसे ही बारिश और तेज होती जा रही थी.

रास्ता लंबा था और बारिश के कारण मैं बाइक को तेज गति से नहीं चला पा रहा था.

वो भी मेरी कमर पकड़ कर बैठी थी, जिससे मेरा लंड खड़ा होने लगा था.

उसने मुझसे बात करना शुरू कर दिया था. वो बोली- आपका क्या नाम है?
मैंने कहा- राज शर्मा.

वो खुद से बोली- मेरा नाम लक्की है.
मैंने हंसते हुए कहा- लक्की तो बड़ा लकी नाम है.
वो भी हंस दी.

इस तरह से हम दोनों उसके घर आ गए.

दोस्तो, मैं इधर आपको लक्की के बारे में बता देता हूँ. लक्की दूध के सफेद रंग जैसी थी. लंबाई 5 फिट 8 इंच की और फिगर 34-28-36 का मादक था.

हम दोनों जब उसके घर पहुंचे तब तक मैं और लक्की दोनों ही बारिश में पूरी तरह से भीग चुके थे.
उसका मकान एक पॉश कॉलोनी में था.

मैंने उसे ड्रॉप किया और बोला कि मैडम मेरा पेमेंट दे दीजिए … मैं जल्दी वापिस निकलूंगा.

इस पर लक्की मेरे फूले हुए लंड को देखती हुई बोली- तुम पूरा भीग गए हो, अन्दर आ जाओ, जब बारिश बंद हो जाए … तब चले जाना.

मैंने भी सोचा बारिश काफी तेज हो रही है. ये सही कह रही है.
मैं उसके घर के अन्दर जाने के लिए मान गया.

अब लकी मेरे आगे आगे चल रही थी और मैं उसके पीछे चल रहा था.

मैं उसके भीगे कामुक बदन को एकटक देखे जा रहा था क्योंकि उसने एक महीन सी साड़ी पहन रखी थी, जो बारिश में भीगने के कारण उसके शरीर से सांप की भांति लिपट गई थी.
उसके शरीर का एक एक उभार स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था.

मैं घर के अन्दर आ गया. मैं अभी भी उसी को देखे जा रहा था.

लक्की ने मुझे अपने आपको निहारते हुए देख लिया था.

उसने मुझे टॉवल और कपड़े जो शायद उसके पति के थे … दे दिए.
वो बोली कि आप चेंज कर लो.

मैं बोला- इसकी जरूरत नहीं है मैडम, आप पेमेंट कर दीजिए मुझे लेट हो रहा है.
तब लक्की बोली- बारिश में भीग गए हो … तबीयत खराब हो जाएगी. आप चेंज कर लो, तब तक मैं भी चेंज कर कर आती हूं.

मैंने कपड़े चेंज किए, तब तक लकी भी कपड़े चेंज करके आ गई.

अब उसने लाल रंग की नाइटी पहनी हुई थी; इसमें वो पूरी कयामत लग रही थी.
मैं उसे एकटक देखे जा रहा था.

मेरे अन्दर क्या चल रहा था, वो ये समझने की कोशिश कर रही थी.
शायद वह मेरी कामुकता को समझ गई थी.

तभी लकी ने मुझे पेमेंट किया और बोली कि एक दिन में कितना कमा लेते हो?
मैंने उसके दूध देखते हुए कहा- एक दिन में यही कोई हजार बारह सौ रुपए.

लक्की खुल कर बोली- मैं तुम्हें पैसे दूंगी … मेरा एक काम करोगे?
मैंने बोला- क्या काम करना है बताइए?
लक्की बोली- तुम्हें मेरे साथ सेक्स करना है.

मैं अभी कुछ जवाब देता, इससे पहले वो आगे बढ़ी और मेरी गर्दन को पकड़ कर किस करने लगी.
उसने मुझे सोचने का भी वक्त नहीं दिया कि मैं हां बोलूं या ना.

किस करते करते उसने मुझे सोफे पर धकेलते हुए गिरा दिया और मेरे लंड को टटोलने लगी. मैं उस Xxx भाभी के पोर्न स्टाइल से हैरान था.

कुछ देर किस करने के बाद हम दोनों एक दूसरे से अलग हुए. हमारी सर्दी काफी हद तक कम हो गई थी और हम दोनों ही गर्म होने लगे थे.

अब उसने मेरे कपड़े निकालने शुरू किए. मैं चड्डी में रह गया था.
मैंने भी उसकी नाइटी को निकाल कर एक तरफ रख दी. अब वो मेरे सामने सिर्फ पैंटी में थी.

मैंने उसकी चूचियों को देखा और एक दूध पकड़ कर उसकी टौंटी पर मुँह लगा दिया.
वो आह करती हुई मुझे दूध चुसाने लगी.

एक मिनट बाद वो बोली- दूध की जगह रम पीना पसंद करोगे!
मैंने उसकी तरफ देखा और कहा- नेकी और पूछ पूछ … इस वक्त तुम्हारे साथ रम ही सबसे ज्यादा मजा देगी.

वो मुस्कुरा दी और मुझे अन्दर कमरे में आने का इशारा करके चल दी.
मैं उसकी मटकती गांड को अपने हाथों से सहलाते हुए उसके साथ चल दिया.

कमरे में आकर उसने अलमारी से रम की बोतल और दो गिलास निकाले और सामने रखी पानी की बोतल टेबल पर रख दिए.

वो वासना से मेरे लंड की तरफ देख कर बोली- तुम पैग बनाओ … मैं कुछ नमकीन लाती हूँ.
मैंने बोतल खोली और दो लार्ज पैग बना लिए.

तब तक वो अल्मारी से एक ड्राईफ्रूट्स का डिब्बा लाकर मेरे बाजू में बैठ गई.
मैंने उसे अपनी गोद में खींच लिया और हम दोनों ने अपने अपने गिलास उठाकर चियर्स किया.

एक पैग खत्म होने के बाद उसने अपना गिलास नीचे रख दिया और खुद मेरे खाली गिलास में रम भरने लगी.
उसने आधे से ज्यादा गिलास रम से भर दिया था.

मैंने उससे कहा- ये बहुत हार्ड हो जाएगा.
वो बोली- तभी तो मजा आएगा.

मैंने हंस कर उसकी चूचियां भींच दीं.

वो अब भी मेरी गोद में ही बैठी थी. उसने अपने चूचे पर शराब गिराई और मुझे चूसने का इशारा किया.

आह … कितना खूबसूरत अंदाज था.

मैंने उसकी एक टौंटी पर होंठ लगा दिए और उसने रम टपकानी शुरू कर दी.

फिर उसने रम का गिलास अपने होंठों से लगा कर मुख में रम भर ली और गिलास टेबल पर रख दिया. फिर मेरे होंठों से होंठ लगा कर उसने मेरे मुँह में रम उड़ेलने का सिलसिला शुरू किया. साथ ही इशारा किया कि गटकना नहीं … वापस मेरे मुँह में डालना.

हम दोनों इसी तरह से रम की कड़वाहट को स्वाद में बदलने लगे. पूरा गिलास कुछ इसी तरह से खाली हो गया.

अब नशा हम दोनों के सर चढ़ने लगा था.

फिर वो उठी और अपनी पैंटी उतार कर नंगी हो गई और बिस्तर पर चुत खोल कर लेट गई.

हल्की सी आवाज आई- नाओ ओरल.
मैंने सर हिलाया और अपने लंड को चड्डी से आजाद करके उसके ऊपर 69 की पोजीशन में आ गया.

तभी उसने पलटी मारी और वह मेरे ऊपर चढ़ गई. मैं उसके नीचे चुत की तरफ मुँह किए हुए लेटा था.

उसने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया और जल्दी ही रफ्तार पकड़ ली. वह मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी … जैसे कई सालों के बाद उसे लंड चूसने को मिला हो.
मैं भी उसकी चूत में अपनी जीभ को अन्दर तक डाल डाल कर चूस रहा था. उसे भी बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.

कुछ ही पलों बाद वह अपनी गांड उठाती हुई ‘ऊऊऊ … ऊईईईई … मजा आ रहा है … और चूसो … आह खा जाओ.’ कर कर रही थी और मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत पर दबा रही थी.

करीब दस मिनट के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया लेकिन अभी मेरा लंड शांत नहीं हुआ था.

वो मेरी तरफ बेबसी से देखने लगी थी क्योंकि अब वो शिथिल हो गई थी और लंड चूसने के स्थान पर उसे हाथ से पकड़े हुई थी.

मैंने उसके नीचे से निकल कर उसके पैरों को पकड़ कर खींचते हुए उसे बेड के एक कोने पर लेकर आ गया.
वो मस्ती से मुझे देख रही थी.

मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और पैरों को मम्मों की तरफ करते हुए फोल्ड सा किया.
वो समझ गई कि अब चुत पर हमला होने वाला है. उसने अपनी टांगों को कुछ फैला दिया, जिससे उसकी चिकनी और गीली चुत मेरे 7.5 इंच लंबे लंड के सामने चुदने के लिए फड़फड़ाने लगी.

मैं लंड को उसकी चूत पर रखकर घिसा और उसकी आंखों में देखते हुए पूरी ताकत से धक्का दे मारा.
मेरा आधा लंड भी अन्दर नहीं गया था कि वह रोने लगी.

वो कलप उठी और चिल्लाती हुई बोली- आह मर गई मम्मी रे … एकदम से पेल दिया … आह दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- क्यों दर्द हो रहा है मैडम? क्या अब तक लंड नहीं लिया!

वो दर्द से कराहती हुई बोली- आह … इतना बड़ा लंड अब तक मैंने कभी नहीं लिया. मेरे पति का लंड तो सिर्फ 4 इंच का है. तुम कुछ देर रुक जाओ … आह … बहुत पेन हो रहा है.

मैं उसकी चूत सहलाने लगा और हाथ से उसकी चूची को मसलता था. उसकी आंखें बंद थीं और वो दर्द को जज्ब करने की कोशिश कर रही थी. उसकी आंखों की कोरों से आंसू टपक रहे थे.

फिर उसके चेहरे से तनाव कुछ कम सा होता दिखा, तो मैं अपने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.

उसकी गांड भी साथ देती सी दिखी … तो मैंने फिर से एक जोरदार धक्का दे मारा और इसी के साथ मैंने अपना पूरा लंड लक्की की चूत में पेल दिया.

इस बार वह इतनी जोर से चीखी कि उसकी चीख से पूरा कमरा गूंज उठा … लेकिन मैंने उसकी चीख पर कोई खास ध्यान नहीं दिया और मैं धक्के लगाता रहा.

‘आह मार डाला रे ईईईईई … साले मादरचोद … रुक जा सांड … ऊऊऊहह मेरी फट गई आह मर गई … आराम से कर … भोसड़ी वाले मार ही डालेगा क्या?’
वो गाली देती हुई ऐसे ही बोलती रही.

मगर मैं नहीं रुका और उसकी चुत में लंड अन्दर बाहर करता रहा.

कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा.
अब वो मस्ती से गांड उठाती हुई चुत में लंड ले रही थी- आह आह मजा गया बॉस … क्या मस्त लंड है तुम्हारा … आह और जोर से चोदो मेरे सरताज … आह.

मैं ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था.
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद उसकी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया.

लंड पर काफी लिसलिसा सा लगने लगा था. तो मैंने लंड चुत से बाहर निकाला और पास पड़ी एक हैंड टॉवल से पौंछ कर साफ किया. उसकी चूत को भी साफ किया और उसकी गांड पर थपकी दे कर उसे घोड़ी बनने का इशारा किया.

वो उठ कर चौपाया बन गई. मैंने उसकी टांगों को फैला कर पीछे से उसकी चुत में लंड पेला और फिर से चोदना शुरू कर दिया.

फिर से धकापेल चुदाई चालू गई थी. मेरा लंड अब भी गुर्रा रहा था.

तभी मैंने लक्की के दूध पकड़ कर उसकी चुत में जड़ तक लंड पेलना शुरू कर दिया, इससे वो फिर से सीत्कार करने लगी और ‘आह आह मर गई …’ करती हुई फिर से झड़ गई.

लक्की अब तक तीन बार पानी छोड़ चुकी थी और अब उससे मेरा लंड सहन नहीं हो रहा था.

वह बोली- अब मुझसे सहन नहीं हो रहा है.

मैंने उसकी बात को अनसुना कर एक बार फिर से उसे मिशनरी पोज में कर दिया. फिर से लंड को उसकी चूत में डालकर धक्के लगाना शुरू कर दिए.
मेरे हर धक्के पर वह और ज्यादा चिल्लाने लगी.

करीब 5 मिनट बाद उसकी चूत ने फिर से पानी छोड़ना शुरू किया, तो मैंने भी तेज तेज धक्के लगाना शुरू कर दिए.

करीब दस बारह धक्के मारने के बाद मेरे लंड ने भी जवाब दे दिया. लंड आग उगलने को बेताब था.
मैंने लक्की से पूछा कि लंड का रस मुंह में लोगी या चूत में खाली कर दूँ?
लक्की मुस्कुराती हुई बोली कि चूत में ही कर दो, मैं अन्दर से बहुत प्यासी हूँ.

मैंने बेकाबू घोड़े की तरह एड़ लगा दी और अभी बामुश्किल आठ दस धक्के ही और लगे थे कि मेरे लंड ने एक जोरदार पिचकारी के साथ सारा माल उसकी चूत में खाली दिया.

हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर अपनी सांसें नियंत्रित करने लगे.

फिर अलग हुए तो लक्की ने गिलास में फिर से रम डाली और पानी से पूरा भर कर मेरी तरफ बढ़ा दिया.
मैंने एक सांस में ही गिलास खाली कर दिया और दो काजू चबा कर मुँह का स्वाद ठीक किया.

तब तक लक्की ने भी अपने लिए एक गिलास बना लिया था.
उसने भी दारू हलक के नीचे उतारी और बाजू की ड्रावर से सिगरेट और लाइटर निकाल कर मेरी तरफ बढ़ा दिया.

मैंने उसके हाथ से सिगरेट लेकर सुलगाई और एक लम्बा कश खींच कर उसकी तरफ सिगरेट बढ़ा दी.

उसने अपने होंठों से सिगरेट लगाई और धुंआ छोड़ने के बाद बोली- जाने की जल्दी तो नहीं है?
मैंने उसका इशारा समझ लिया और ना में सर हिला दिया.

बीस मिनट बाद हम दोनों ने एक राउंड फिर चुदाई का मजा लिया और इसके बाद मैं घर आने के लिए कपड़े पहनने लगा.
लक्की ने मेरा नंबर ले लिया.

मैं उस प्यासी Xxx भाभी को चोदकर अपने घर आ गया.

तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी Xxx भाभी पोर्न स्टोरी, मुझे मेल करके जरूर बताना.

[email protected]

About Admin

Check Also

पड़ोसन भाभी की मस्त चुदाई

इंडियन भाभी Xxx कहानी में मेरे पड़ोस की भाभी मुझे भाई जैसा मानती थी. मैं …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *